रायपुर – छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा पर सरकार लगातार काम कर रही है। इसी क्रम में सीएम विष्णुदेव साय ने बड़ी घोषणा की है। हिंदी दिवस के मौके पर सीएम ने कहा कि प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अब हिंदी माध्यम में भी बैचरल आफ मेडिकल एंड बैचलर ऑफ सर्जरी (MBBS) की पढ़ाई होगी। इसी साल प्रथम सत्र 2024-25 में एमबीबीएस की पढ़ाई की सुविधा हिंदी में भी उपलब्ध होगी। मेडिकल कॉलेजों में हिंदी पुस्तकों का वितरण किया जाएगा। हिंदी में चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध कराने से ग्रामीण अंचल के छात्रों को फायदा मिलेगा।सीएम साय ने कहा कि इससे चिकित्सा छात्र छात्राओं का आधार भी मजबूत होगा और अच्छे चिकित्सक तैयार करने में इससे अधिक मदद मिलेगी। मातृभाषा में शिक्षा दिए जाने का यह सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि इससे विषय की बारीक समझ बनती है। इसे हम छत्तीसगढ़ में हर स्तर पर कार्यान्वित करने के लिए कृत संकल्पित हैं।
सीएम हाउस में मीडिया से चर्चा के दौरान सीएम साय ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में इस वर्ष से ही एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में करने का विकल्प लागू किया जा रहा है। साय ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू हो चुकी है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने जो निर्णय लिया था वह हिंदी के विकास में अहम है। छत्तीसगढ़ में इस दिशा में हम प्राथमिकता से काम कर रहे हैं। बता दें कि मध्य प्रदेश, बिहार के बाद छत्तीसगढ़ देश का ऐसा तीसरा राज्य बन गया है, जहां हिंदी में भी मेडिकल की पढ़ाई होगी। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) के निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुरुप नीट (यूजी) परीक्षा-2024 में उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं के लिए इसी सत्र से हिंदी में एमबीबीएस पाठ्यक्रम लागू हो गया है।
सीएम साय ने कहा कि सरकार का सभी काम-काज हिंदी में हो इस पर जोर दिया जा रहा है। हिंदी की पढ़ाई होने से डाक्टरों और मरीजों के बीच इससे संवाद भी अच्छा होगा। अंग्रेजी का डर भी खत्म होगा। आने वाले समय में हिंदी में ही डाक्टर पर्ची भी लिख सकेंगे। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि वर्तमान में राज्य में 10 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। हिंदी में चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध कराने का सबसे अधिक लाभ हमारे ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों को होगा जो अधिकतर हिंदी मीडियम से होते हैं जो प्रतिभाशाली होते हैं लेकिन अंग्रेजी की वजह से उन्हें चिकित्सा पाठ्यक्रम में कुछ दिक्कत आती है। हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हिंदी दिवस की सार्थकता इस बात में है कि हम शासन प्रशासन और शिक्षा के हर स्तर पर हिंदी को लागू करें, हिंदी को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा हमें इस बात की खुशी है कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फरवरी 2022 को उत्तरप्रदेश के उन्नाव की रैली में हिंदी में चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध कराने की मंशा जाहिर की थी, हम उसका क्रियान्वयन करने जा रहे हैं।
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