प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को झारखंड को कई सौगातें दी। इस दौरान रांची एयरपोर्ट उनका स्वागत एक महिला ने ‘जावा’ से किया। उनके कानों पर उसे लगाया। दरअसल, करमा त्योहार के मौके पर बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और स्वास्थ्य के लिए करमा त्योहार मनाती हैं। इस मौके पर परंपरा है कि बहन अपने भाई के कानों पर ‘जावा’ लगाती हैं।
Highlight-
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को झारखंड को कई सौगातें दी
- रांची एयरपोर्ट पीएम मोदी का स्वागत एक महिला ने ‘जावा’ से किया
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कानों पर रांची में महिला ने जावा लगाया
- करमा के मौके पर बहनें भाई की लंबी उम्र की कामना करती है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को झारखंड के जमशेदपुर पहुंचे। कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने करमा पर्व के अवसर पर राज्य के लोगों को बधाई दी और रांची एयरपोर्ट पर ‘जावा’ से किए गए अपने स्वागत का जिक्र किया। रांची एयरपोर्ट पर एक महिला ने ‘जावा’ से पीएम मोदी का स्वागत किया था। ‘जावा’ करमा पर्व का प्रतीक है और इसे घास-फूस से बनाया जाता है।
करमा त्योहार के ‘जावा’ से पीएम मोदी का स्वागत
प्रधानमंत्री मोदी ने जमशेदपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘झारखंड में प्रकृति पूजा के पर्व करमा की उमंग है। मैं झारखंड के लोगों को करमा पर्व की बधाई देता हूं। जब मैं रांची एयरपोर्ट पर पहुंचा तो एक बहन ने करमा पर्व के प्रतीक ‘जावा’ से मेरा स्वागत किया। इस पर्व में बहनें अपने भाइयों की कुशलता की कामना करती हैं। मैं झारखंड के लोगों को करमा पर्व की बधाई देता हूं।’
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में आदिवासी समुदाय के लिए चल रही ‘पीएम जनमन योजना’ का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से उन जनजातियों तक पहुंचने का प्रयास हो रहा है, जो बहुत पिछड़े हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि झारखंड को विकास का नया आशीर्वाद मिला है। उन्होंने कहा, ‘झारखंड को विकास का नया आशीर्वाद मिला है। 6 नई वंदे भारत ट्रेनें, 650 करोड़ से ज्यादा की रेलवे परियोजनाएं, यात्रा सुविधाओं का विस्तार और इसके साथ हजारों लोगों को पीएम आवास योजना के तहत अपना पक्का घर, मैं झारखंड की जनता को इन सभी विकास परियोजनाओं के लिए बधाई देता हूं।’
करमा त्योहार क्यों और कब मनाया जाता है, जानें
करमा पर्व भादो शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन आदिवासी समुदाय के लोग करमा देवी की पूजा करते हैं और अच्छे फसल की कामना करते हैं। बहनें अपने भाइयों की सलामती की प्रार्थना करती हैं। ‘जावा’, जिसे घास-फूस से बनाया जाता है, को करमा देवी का प्रतीक माना जाता है। करमा पर्व के दौरान विभिन्न रीति-रिवाजों के साथ जावा की पूजा की जाती है और अंत में इसका विसर्जन किया जाता है।