रायपुर। CG VIDHANSABHA : छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज राष्ट्रगीत वन्देमातरम के150 वर्ष पूरे होने पर विशेष चर्चा रखी गई। इस दौरान सत्ता पक्ष ने कांग्रेस पर इस गीत का इस्तेमाल तुष्टिकरण के लिए करने का आरोप लगाते हुए आपातकाल में स्वतंत्रता सेनानियों पर हुए प्रताड़ना का जिक्र किया। वहीं विपक्ष ने इस गीत की आड़ मे कुछ लोगों द्वारा इतिहास को बांटने का आरोप लगाया।
स्पीकर डॉ रमन सिंह ने कहा कि वन्देमातरम एक गीत नहीं स्वतंत्रता आंदोलन की ऊर्जा है। इस गीत के जब 50 साल हुए तो भारत अंग्रेजों का गुलाम था। सौ वर्ष होने पर आपातकाल थोपा गया, अब जब 150 साल हुए तो केंद्र में मोदी की सरकार है। इस पर चर्चा इसलिए भी जरूरी है कि हम आज नए युग की ओर बढ़ रहे हैं इसलिए आज हम नए भारत के निर्माण में अपना योगदान सुरक्षित करें। स्पीकर ने अपना वक्तव्य रखने के बाद सीएम को चर्चा के लिए आमंत्रित किया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि इस राष्ट्रगीत के जयघोष से अंग्रेज कांपते थे। आपातकाल के दौरान वन्देमातरम बोलने पर जेल में डाल दिया जाता था। कुछ लोगों की तुष्टीकरण का ही दुष्परिणाम था कि देश को विभाजन का दंश झेलना पड़ा। आजादी की लड़ाई में हिंदू मुस्लिम एक साथ वन्देमातरम का नारा लगाते थे। देश में कई दशक तक राज करने वाली पार्टी आज विपक्ष की भूमिका से भी न्याय नहीं कर पा रही है। नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा कि ऐतिहासिक महत्व पर चर्चा बिना भेदभाव के होनी चाहिए। इस नारा के साथ लोगों ने हंसते हंसते अपनी जान दे दी। बंकिमचंद्र चटर्जी के कारण ये गीत हमे मिला। इसी गीत को बिगाड़कर आज कुछ लोग इतिहास को बांटने में लगे हैं। डिप्टी सी एम अरुण साव ने इसे छत्तीसगढ़ विधानसभा का ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि तत्कालीन सरकार ने सत्ता बचाने के लिए आपातकाल लगाकर नागरिक अधिकारों का हनन करते हुए लोकतंत्र की हत्या की थी।




