रायगढ़। CG NEWS : जिले के खरसिया थाना क्षेत्र में पुलिस ने शिक्षा का अधिकार—RTE की आड़ में चल रहे बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। आरोप है कि एक दंपती पिछले चार वर्षों से फर्जी स्कूल के नाम पर सरकारी प्रतिपूर्ति राशि का दुरुपयोग कर रहा था। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।
खरसिया पुलिस ने एक ऐसे RTE फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है जिसमें ग्राम अड़भार (जिला सक्ती) निवासी घनश्याम टंडन और उसकी पत्नी शांति टंडन ने मिलकर फर्जी स्कूल संचालन दिखाकर ₹22,52,281 की प्रतिपूर्ति राशि शासन से हासिल कर ली।मामला तब उजागर हुआ जब विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, खरसिया के सहायक ग्रेड–02 खिलावन बंजारे ने थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई।शिकायत में बताया गया कि आरोपियों ने ग्राम बड़े देवगांव में मदर इंडिया कॉन्वेंट स्कूल बड़े देवगांव” नाम से एक अशासकीय विद्यालय संचालित होने का दावा किया था।जांच में सामने आया कि गांव में ऐसा कोई विद्यालय वास्तविक रूप में अस्तित्व ही नहीं रखता वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक दंपती ने स्वयं को संचालक और प्रधान पाठक बताकर बच्चों की फर्जी प्रवेश व उपस्थिति पंजी तैयार की सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के नाम अपने विद्यालय में दर्ज दिखाए गए और इन्हीं फर्जी प्रविष्टियों के आधार पर RTE के तहत शुल्क एवं गणवेश प्रतिपूर्ति की 22.52 लाख रुपए राशि अपने खाते में आहरित कर ली जिला शिक्षा अधिकारी रायगढ़ द्वारा राशि शासन में जमा करने का नोटिस भी दिया गया था, लेकिन दंपती ने रकम नहीं लौटाई। इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर पुलिस में RTE राशि गबन और फर्जी विद्यालय संचालन की शिकायत दर्ज की गई।खरसिया पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए BNS के तहत मामला दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया।




