पाकिस्तान 1947 से भारत के खिलाफ आतंकवाद को सरकारी नीति के रूप में इस्तेमाल कर रहा है : रिपोर्ट
26-Nov-2025 8:29 PM
नयी दिल्ली, 26 नवंबर। मुंबई आतंकवादी हमले की 17वीं बरसी के अवसर पर बुधवार को विचारक संस्था ‘नैटस्ट्रैट’ द्वारा 1947 से 2025 के बीच सीमा पार से किए गए प्रमुख आतंकवादी हमलों का विवरण देने वाला एक दस्तावेज जारी किया गया।
सामरिक और सुरक्षा मुद्दों पर शोध के लिए एक स्वतंत्र, गैर-लाभकारी संस्था ‘नैटस्ट्रैट’ द्वारा संकलित रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘भारत के खिलाफ पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के इतिहास को बार-बार बताया जाना चाहिए।’’
वर्ष 1947 से शुरू होकर वर्तमान तक के रिकॉर्ड पाकिस्तान की सेना और खुफिया इकाई ‘इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस’ (आईएसआई) द्वारा भारत के खिलाफ आतंकवाद को ‘‘सरकारी नीति’’ के रूप में इस्तेमाल करने की एक सतत रणनीति का संकेत देते हैं।
‘भारत पर पाकिस्तानी आतंकवादी हमले का कालक्रम 1947-2025’ शीर्षक वाली रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की ओर से होने वाली आतंकवादी गतिविधियों को पांच भागों में विभाजित किया जा सकता है – 1947-71 आधारभूत संघर्षों के युग के रूप में; 1972-89 छद्म युद्ध के उदय के रूप में; 1990-2000 उग्र और शहरी हमलों के रूप में; 2001-09 राष्ट्रीय प्रतीकों को निशाना बनाने के रूप में और 2010-25 आतंकवाद के बदलते स्वरूप और कठोर प्रतिक्रिया के रूप में।
लगभग चार दशकों का अनुभव रखने वाले पूर्व राजनयिक पंकज सरन वर्तमान में दिल्ली स्थित ‘नैटस्ट्रैट’ के संयोजक हैं।
रिपोर्ट में पाकिस्तान या उसके नियंत्रण वाले क्षेत्रों से होने वाली महत्वपूर्ण आक्रामक गतिविधियों और आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों का विवरण दिया गया है। साथ ही ऐसे हमलों का सामना करने में भारत की उल्लेखनीय दृढ़ता को भी पेश किया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘ये कृत्य एक राष्ट्र के रूप में भारत की प्रगति को नहीं रोक सके हैं। इसके बजाय, भारतीय समाज और राजनीति ने देश को विभाजित करने या इसकी प्रगति को धीमा करने के प्रयासों को कमजोर किया है।’’ (भाषा)



