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निफ्टेम, फूड प्रोसेसिंग और रीजनल समिट पर चर्चा


निफ्टेम, फूड प्रोसेसिंग और रीजनल समिट पर चर्चा


24-Nov-2025 4:49 PM

सीएम की पासवान संग बैठक

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

नई दिल्ली, 24 नवंबर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री चिराग पासवान से उनके कार्यालय में सौजन्य मुलाकात की। जिसमें छत्तीसगढ़ से जुड़े कई जनहित विषयों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से राज्य में खाद्य सुरक्षा, कृषि आधारित उद्योग, और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर से जुड़े मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया।

मुख्यमंत्री ने मंत्री से अनुरोध किया कि निफ्टेम (National Institute of Food Technology Entrepreneurship and Management) संस्थान छत्तीसगढ़ में स्थापित की जाए ताकि राज्य के युवाओं को आधुनिक खाद्य तकनीक, उद्यमिता और नए रोजगार से जुड़े प्रशिक्षण मिल सकें। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ कृषि की दृष्टि से एक मजबूत राज्य है और यहां ऐसे संस्थान से हजारों छात्रों तथा किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।

केंद्रीय मंत्री ने इस प्रस्ताव पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और कहा कि वे इस विषय पर हर संभव सहयोग देंगे तथा इसे गंभीरता से विचार में लेंगे।

मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने यह आग्रह भी किया कि वर्ल्ड फूड इंडिया के रीजनल समिट का आयोजन रायपुर में किया जाए। उन्होंने कहा कि रायपुर की समृद्ध खाद्य परंपरा, बेहतर कनेक्टिविटी और विविधता इसे ऐसे आयोजन के लिए आदर्श स्थान बनाती है।

यह फेस्टिवल क्षेत्र की पाक परंपराओं को बढ़ावा देगा और नए खाद्य-आधारित उद्यमों को आगे बढ़ने का अवसर देगा।

राज्य ने आग्रह किया कि यह आयोजन दिल्ली के वर्ल्ड फूड इंडिया या गुवाहाटी के नॉर्थ ईस्ट फूड फेस्ट की तर्ज पर हर दो साल में आयोजित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में खाने की चीज़ों की जाँच के लिए फूड टेस्टिंग लैब और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए फूड इर्रेडिएशन यूनिट्स बनानी हैं, जिसके लिए राज्य केंद्र मंत्रालय की मदद चाहता है। उन्होंने कहा कि धान और फल–सब्ज़ी पर आधारित उद्योगों में बड़े निवेशकों को जोड़ने से किसानों, महिलाओं के स्व–सहायता समूहों और गाँवों में रोजगार बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि नई औद्योगिक नीति में राज्य ने फूड प्रोसेसिंग को खास महत्व दिया है और निवेशकों को कई अतिरिक्त प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। इसी के तहत Drools कंपनी छत्तीसगढ़ में ₹1,000 करोड़ का निवेश कर रही है, जिससे लगभग 3,000 लोगों को रोजगार मिलेगा और इसका लाभ ग्रामीण व आदिवासी क्षेत्रों तक पहुंचेगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य का लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ को राइस ब्रान ऑयल हब बनाया जाए, जिससे तेल आयात पर निर्भरता कम हो और देश के आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को मजबूती मिले। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ और विकसित भारत 2047 का सपना इन्हीं प्रयासों से साकार होगा।

बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव  राहुल भगत, और इन्वेस्टमेंट कमिश्नर श्रीमती रितु सैन उपस्थित रहीं।



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