यास आइलैंड. अबू धाबी के यास आइलैंड में आयोजित ‘इंटरनेशनल इंडियन फिल्म एकेडमी अवॉर्ड्स 2024’ (आइफा) में अभिनेता शाहरुख खान को फिल्म ‘जवान’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार से नवाजा गया जबकि रणबीर कपूर अभिनीत ‘एनिमल’ को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार मिला. शाहरुख ने अभिनेता विक्की कौशल और फिल्म निर्माता करण जौहर के साथ मिलकर शनिवार को आइफा पुरस्कार समारोह की मेजबानी की.
अभिनेत्री रानी मुखर्जी को फिल्म ‘मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे’ में उनकी भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला.
जब वह पुरस्कार ग्रहण करने के बाद मंच से वापस आ रही थीं तो कई फिल्मों में उनके सह-कलाकार रहे शाहरुख ने उनका पल्लू पकड़ रखा था ताकि वह जमीन पर न गिरे. मुखर्जी ने अपना पुरस्कार दुनियाभर की माताओं को सर्मिपत किया. उन्होंने कहा, ”आइफा में यह पुरस्कार प्राप्त करने से और भी विशेष अनुभूति हो रही है, क्योंकि इससे इस तथ्य की पुष्टि होती है कि ‘मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे’ ने वैश्विक स्तर पर लोगों के दिलों को स्पर्श किया.” गायिका शिल्पा राव को फिल्म ‘जवान’ के गीत ‘चलेया’ के लिए सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका (महिला) का पुरस्कार मिला.
आइफा पुरस्कार में फिल्म निर्माता विधु विनोद चोपड़ा को उनकी फिल्म ‘ट्वेल्थ फेल’ के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार मिला.
चोपड़ा ने अपने भाषण में कहा, ”मैं इस मंच का उपयोग दुनिया को यह बताने के लिए करना चाहता हूं कि दुनिया को विनाश से बचाने के लिए वे हरसंभव तरीके से सहयोग करें.” संदीप रेड्डी वांगा के निर्देशन में बनी फिल्म ‘एनिमल’ के लिए अभिनेता अनिल कपूर को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता और बॉबी देओल को नकारात्मक भूमिका श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला. देओल ने पुरस्कार लेने के बाद फिल्म ‘एनिमल’ के गीत ‘जमाल कुडू’ पर नृत्य भी किया.
शनिवार को 42 वर्ष के हुए फिल्म के मुख्य अभिनेता रणबीर कपूर इस वर्ष अपना जन्मदिन परिवार के साथ मनाने के लिए पुरस्कार समारोह में शामिल नहीं हुए. फिल्म ‘एनिमल’ में संगीत निर्देशन के लिए प्रीतम, विशाल मिश्रा, मनन भारद्वाज, श्रेयस पुराणिक, जानी, भूपिंदर बब्बल, आशिम केमसन, हर्षवर्धन रामेश्वर को भी पुरस्कार प्रदान किया गया. भूपिंदर बब्बल को फिल्म ‘एनिमल’ के गाने ‘अर्जन वैली’ के लिए सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक (पुरुष) का पुरस्कार मिला, साथ ही उन्हें ‘सतरंगा’ गीत के लिए सर्वश्रेष्ठ गीतकार के पुरस्कार से नवाजा गया. करण जौहर के निर्देशन में बनी फिल्म ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ को भी पुरस्कार मिला है.
फिल्म ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ की मुख्य अभिनेत्री आलिया भट्ट की दादी की भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री शबाना आजमी को भी आइफा पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार मिला जबकि लेखक इशिता मोइत्रा, शशांक खेतान, सुमित रॉय ने सर्वश्रेष्ठ कहानी का पुरस्कार जीता.
दिग्गज अभिनेत्री-नेता हेमा मालिनी को भारतीय सिनेमा में उत्कृष्ट योगदान के लिए ‘आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया. अभिनेत्री अलीजेह अग्निहोत्री को सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेत्री का पुरस्कार मिला, जबकि करण बुलानी को उनकी फिल्म ‘थैंक यू फॉर कमिंग’ के लिए सर्वश्रेष्ठ नवोदित निर्देशक का पुरस्कार प्रदान किया गया.
रानी मुखर्जी ने आईफा पुरस्कार सभी माताओं को सर्मिपत किया
‘मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे’ की अभिनेत्री रानी मुखर्जी ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का आईफा पुरस्कार दुनिया भर की माताओं को सर्मिपत करते हुए कहा कि एक मां का प्यार कोई भी कानून और दया नहीं जानता है. मुखर्जी को ‘मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे’ में भूमिका के लिए यह पुरस्कार मिला है. इस फिल्म को एक देश के खिलाफ एक मां की लड़ाई की अनकही कहानी बताया गया है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बच्चों और मानवाधिकार को झकझोरने वाली एक सच्ची घटना पर आधारित इस हिंदी फिल्म का निर्देशन “मेरे डैड की मारुति” से प्रसिद्धि पाने वाली आशिमा छिब्बर ने किया है. मुखर्जी ने शनिवार को पुरस्कार समारोह में अपने भाषण में कहा कि माताएं अपने बच्चों के लिए पहाड़ हिला सकती हैं और दुनिया को एक बेहतर स्थान बना सकती हैं.
उन्होंने कहा, “इस भारतीय प्रवासी मां की कहानी ने मुझे अंदर तक झकझोर दिया… एक मां का अपने बच्चे के प्रति प्यार निश्छल होता है, जिसे मैं तब तक एक मिथक मानती थी, जब तक कि मेरा अपना बच्चा नहीं हुआ.” अभिनेत्री ने कहा, “मां का प्यार सभी नियम कायदों से परे होता है. वह हर चीज का साहस करती है और अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को कुचल देती है. कोई भी उसके और उसके बच्चे के बीच नहीं आ सकता. मुझे यह पुरस्कार सभी माताओं को सर्मिपत करते हुए बेहद खुशी हो रही है.” मुखर्जी ने “मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे” को अपने करियर की सबसे खास फिल्मों में से एक बताया.
उन्होंने कहा, ” आईफा में यह पुरस्कार प्राप्त करना और भी खास लगता है, क्योंकि इससे इस तथ्य की पुष्टि होती है कि ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ ने वैश्विक स्तर पर लोगों के दिलों पर प्रभाव डाला. फिल्म की सफलता कथा कहने की शाश्वत शक्ति और मातृ प्रेम और मानव जीवट की सार्वभौमिक भाषा की पुष्टि करती है.”