CG NEWS: इस्कॉन के द्वारा गरियाबंद में भव्य श्री श्री राधा गिरिधारी मंदिर का निर्माण शीघ्र ही आरम्भ होने वाला है। जिसका भूमिपूजन दिनांक २२ दिसंबर २०२५ है। इस्कॉन का शुभारम्भ भारतवर्ष के महान कृष्णभक्त वैष्णव कृष्णकृपामूर्ति श्री श्रीमद अभयचरणारविन्द भक्ति वेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद के द्वारा १९६६ में न्यूयोर्क, अमेरिका में की गयी थी। उन्होंने मात्रा १० वर्षो के भीतर पुरे विश्व में १०८ राधाकृष्ण के मंदिरो की स्थापना की एवं सनातन धर्म को अंतराष्ट्रीय स्तर में प्रचारित किया।

छत्तीसगढ़ में इस्कॉन की शुरुआत श्रील प्रभुपाद जी के शिष्य परम पूज्य भक्ति सिद्धार्थ स्वामी महाराज जी ने सं २००० में रायपुर में की थी आज रायपुर का इस्कॉन मंदिर श्री श्री राधारासबिहारी जी मंदिर पुरे छत्तीसगढ़ के लिए आकर्षण का केंद्र है। महाराज जी के सफल निर्देशन में पुरे छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरो में इस्कॉन कृष्ण भक्ति का प्रचार प्रसार पुरे जोर शोर से कर रहा है। जिसमे गरियाबंद, दुर्ग, बिलासपुर, जगदलपुर, अंबिकापुर, कोंडागांव, कांकेर, बालोद, धमतरी आदि प्रमुख है।
भूमिपूजन के इस भव्य कार्यक्रम में इस्कॉन छत्तीसगढ़ के प्रमुख परम पूज्य भक्ति सिद्धार्थ स्वामी महाराज एवं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री व विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह जी विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे। कार्यक्रम में क्षेत्रों के विधायको श्री रोहित साहू, राजिम विधानसभा, श्री योगेश्वर राजू सिन्हा, महासमुंद विधानसभा, श्री जनक ध्रुव, बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा एवं महासमुंद लोकसभा क्षेत्र की माननीया सांसद श्रीमती रूप कुमारी चौधरी भी उपस्थित रहेंगे।
भूमिपूजन कार्यक्रम की रूपरेखा इस प्रकार रहेगी। वैष्णव होम, भूमिपूजन एवं वास्तु पूजा प्रातः ९ से ११ बजे तक , ११ बजे से १२;३०तक इस्कॉन एवं स्थानीय कलाकारों द्वारा कृष्ण भजन व संकीर्तन, १२;३० बजे डॉ रमन सिंह जी का आगमन तत्पश्चात परम पूज्य भक्ति सिद्धार्थ स्वामी महाराज का आशीर्वचन, विधायकों एवं सांसद महोदया का उद्बोधन एवं अंत में डॉ रमन सिंह जी के उद्बोधन के द्वारा कार्यक्रम का समापन होगा। इस कार्यक्रम में लगभग ५००० लोगो के उपस्थित होने की सम्भावना है। कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित लोगो के लिए कृष्ण प्रसाद की व्यस्था रहेगी।
गौरतलब हो की इस्कॉन को यह भूमि स्थानीय मिश्रा परिवार के द्वारा दान में प्राप्त हुई है। इस्कॉन गरियाबंद के प्रबंधक श्रीमान नरोत्तम दास प्रभु जी ने इस महतकार्य के लिए मिश्रा परिवार को बहुत बहुत साधुवाद दिया। उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार यह मंदिर क्षेत्र में पर्यटन, व्यवसाय एवं रोजगार के अवसरों को बढ़ाएगा। यह मंदिर लगभग १५ करोड़ कि लागत से निर्मित होगा जिसके शिखर कि ऊंचाई ५१ फ़ीट होगी




