रायपुर। RAIPUR NEWS : गुरुकुल महिला महाविद्यालय, रायपुर (छ.ग.) द्वारा वीतराग रिसर्च फाउंडेशन, रायपुर (छ.ग.) और संदीपानी अकादमी, अछोटी, दुर्ग (छ.ग.) के सहयोग से “डिजिटल आत्मविश्वास, सुरक्षा और सशक्तिकरण पर अंतःविषयक दृष्टिकोण” (Interdisciplinary Perspectives on Digital Confidence, Safety, and Empowerment) विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन हाइब्रिड मोड में गुरुकुल प्रेक्षागृह में आयोजित किया गया।
इस राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य डिजिटल युग में महिलाओं और युवाओं के बीच डिजिटल आत्मविश्वास, सुरक्षा और सशक्तिकरण से संबंधित विभिन्न अंतःविषय दृष्टिकोणों पर गहन विचार-विमर्श करना है।

एक दिवसीय राष्ट्रीय हाइब्रिड सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. निशित अग्रवाल, उप पुलिस अधीक्षक (साइबर), रेंज साइबर पुलिस स्टेशन, रायपुर, छत्तीसगढ़ ने अपने संबोधन में डिजिटल आत्मविश्वास पर जोर देते हुए कहा, “आज के दौर में केवल डिजिटल रूप से साक्षर होना पर्याप्त नहीं है, बल्कि डिजिटल रूप से सुरक्षित और आत्मविश्वासी होना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।” उन्होंने साइबर सुरक्षा चुनौतियों, डेटा गोपनीयता के महत्व और सुरक्षित ऑनलाइन व्यवहारों को दैनिक जीवन में अपनाने की तत्काल आवश्यकता पर विस्तार से बात की। उन्होंने विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग कर अपने विचारों को व्यक्त करने और नए अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि सही जानकारी और सुरक्षा उपायों के साथ, डिजिटल स्पेस सशक्तिकरण का एक शक्तिशाली माध्यम बन सकता है।
सम्मेलन में डॉ. ओ. पी. व्यास, निदेशक, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, नया रायपुर ने मुख्य वक्ता एवं एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ के रूप में अपने बहुमूल्य उद्बोधन में अकादमिक और तकनीकी दृष्टिकोण से डिजिटल युग की चुनौतियों और संभावनाओं पर प्रकाश डाला और कहा उच्च शिक्षा संस्थानों में अब डिजिटल सुरक्षा और नैतिकता को मुख्य पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना अनिवार्य हो गया है। डिजिटल कॉन्फिडेंस केवल तकनीक का उपयोग करना नहीं, बल्कि इसके सुरक्षित और प्रभावी उपयोग की समझ है।” उन्होंने डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के दौर में डिजिटल सशक्तिकरण के नए आयामों पर चर्चा की। डॉ. व्यास ने इस बात पर जोर दिया कि शोधकर्ताओं और छात्रों को डेटा गोपनीयता (Data Privacy) और साइबर एथिक्स (Cyber Ethics) के प्रति जागरूक रहना चाहिए।
विशेष अतिथि के रूप में डॉ. सोनाली गुहा ने डिजिटल सुरक्षा के कानूनी और फोरेंसिक पहलुओं पर गहराई से चर्चा की। उन्होंने साइबर अपराधों की जांच, डिजिटल साक्ष्य एकत्र करने की प्रक्रिया और भारतीय साइबर कानूनों के प्रावधानों को सरल भाषा में समझाया। उन्होंने बताया कि डिजिटल युग में प्रत्येक नागरिक को अपने कानूनी अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूक होना चाहिए तथा केवल तकनीकी सुरक्षा उपाय पर्याप्त नहीं हैं। डिजिटल आत्मविश्वास तब आता है जब हमें यह पता हो कि साइबर धोखाधड़ी या उत्पीड़न की स्थिति में कानूनी रूप से कैसे कार्रवाई करनी है और न्याय कैसे प्राप्त करना है।” उन्होंने वास्तविक जीवन के मामलों और फोरेंसिक जांच के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
सम्मलेन के दुसरे सत्र में दिल्ली विश्वविद्यालय के शहीद राजगुरु कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंसेज फॉर वुमेन में भौतिकी के सहायक प्रोफेसर डॉ. अमित कुमार ने विषय विशेषज्ञ के रूप में ऑनलाइन उद्बोधन दिया। उन्होंने ने डिजिटल तकनीक के मूल भौतिकी सिद्धांतों और डेटा ट्रांसमिशन की सुरक्षा पर प्रकाश डाला। उन्होंने समझाया कि कैसे तकनीकी बुनियादी ढांचे की समझ डिजिटल सुरक्षा और विश्वास की नींव रखती है। उन्होंने क्वांटम कंप्यूटिंग और एन्क्रिप्शन में नवीनतम प्रगति के बारे में बात की और बताया कि भविष्य में डेटा सुरक्षा के लिए वैज्ञानिक नवाचार कितने महत्वपूर्ण होंगे। डॉ. अमित कुमार ने अकादमिक जगत में डिजिटल उपकरणों के सुरक्षित और प्रभावी उपयोग पर भी जोर दिया, जिससे छात्रों और शोधकर्ताओं को सशक्त बनाया जा सके ।
इस अवसर पर, महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. संध्या गुप्ता ने बताया कि डिजिटल साक्षरता आज की आवश्यकता है और इस तरह के सम्मेलन समाज में जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सम्मलेन की आयोजन सचिव डॉ. दीपशिखा शर्मा ने सम्मलेन की रिपोर्ट प्रस्तुत की, कार्यक्रम संयोजक डॉ आदिती जोशी, डॉ. सिमरन आर वर्मा ने मंच संचालन किया।
सम्मेलन में देश भर से शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, छात्रों और विशेषज्ञों ने भाग लिया और अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। विभिन्न सत्रों में डिजिटल सुरक्षा चुनौतियों, ऑनलाइन सशक्तिकरण के अवसरों और संबंधित कानूनी व सामाजिक पहलुओं पर सार्थक चर्चा हुई।
महाविद्यालय प्रबंधन ने सभी प्रतिभागियों और सहयोगी संस्थाओं के प्रति आभार व्यक्त किया।




