CG News: छत्तीसगढ़ के प्रतापपुर विधानसभा के विधायक शकुंतला पोर्ते के जन्म प्रमाण पत्र को लेकर शुरू हुआ विवाद अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचने वाला है क्योंकि हाई कोर्ट के आदेश पर जिला प्रशासन ने विधायक के जाति प्रमाण पत्र का जांच करना शुरू कर दिया है.
CG News: छत्तीसगढ़ के प्रतापपुर विधानसभा के विधायक शकुंतला पोर्ते के जन्म प्रमाण पत्र को लेकर शुरू हुआ विवाद अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचने वाला है क्योंकि हाई कोर्ट के आदेश पर जिला प्रशासन ने विधायक के जाति प्रमाण पत्र का जांच करना शुरू कर दिया है. वहीं आज विधायक को जाति प्रमाण पत्र की जांच करने के लिए प्रशासन की टीम ने तलब किया है, लेकिन चलिए आपको बताते हैं कि आखिर विधायक के खिलाफ जाति प्रमाण पत्र को लेकर यह विवाद क्यों शुरू हुआ है.
इंजीनियर को विभाग में नहीं दी जगह
चर्चा है कि एक इंजीनियर को वाड्रफनगर में प्रभारी अधिकारी के पद पर रखने से विधायक ने इंकार कर दिया क्योंकि विधायक के करीबी दूसरे इंजीनियर इस पद के लिए लालायित थे. ऐसे में विधायक ने अपने समाज से ही आने वाले इंजीनियर को प्रभारी अधिकारी के पद पर रखने से इंकार कर दिया. इसी के साथ विवाद भी शुरू हो गया क्योंकि प्रभारी अधिकारी का परिवार चुनाव के समय विधायक का पूरा साथ दिया था, सामाजिक स्तर पर भी विधायक का प्रचार प्रसार किया गया था, लेकिन अचानक इस परिवार से आने वाले इंजीनियर को प्रभारी अधिकारी का पद नहीं दिलाया गया और विवाद बढ़ा.
फिर ऐसे शुरू हुआ शकुंतला पोर्ते की जाति का विवाद
इसके बाद विधायक के खिलाफ चुनाव लड़ने के बाद हारे हुए उम्मीदवार से इंजीनियर के परिवार वालों का संपर्क हुआ, फिर हारे हुए विधायक उम्मीदवार ने विधायक शकुंतला के फर्जी जाति प्रमाण पत्र का मामला उठाने के लिए बारीकी से जानकारी उपलब्ध कराई और इसकी शिकायत निर्वाचन आयोग में की गई लेकिन जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो यह मामला हाई कोर्ट पहुंच गया और फिर हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए बलरामपुर जिला प्रशासन को विधायक के जाति प्रमाण पत्र की जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा है अब प्रशासन जांच में जुटा हुआ है लेकिन रिपोर्ट कोर्ट में कब प्रस्तुत किया जाएगा और फिर कोर्ट उसे पर क्या फैसला लेगा या फिलहाल स्पष्ट नहीं है. वही सबसे बड़ी बात यह है कि इंजीनियर के भाई ने ही हाईकोर्ट में विधायक के जाति प्रमाण पत्र को चैलेंज किया हुआ है और उसी के आधार पर जांच हो रही है.
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आरोप है कि शकुंतला का जो जाति प्रमाण पत्र बना है वह उसके पति के जाति के आधार पर बना हुआ है जबकि पिता के जाति के आधार पर जाति प्रमाण पत्र बनाया जाता है. शकुंतला का जाति प्रमाण पत्र वाड्रफनगर तहसील से बना है शकुंतला का ससुराल है, जबकि उनके पिता अंबिकापुर में रहते थे और उससे पहले उनके पूर्वज उत्तर प्रदेश के मऊ जिला के रहने वाले थे.



