नयी दिल्ली. भारतीय विमानन क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति को चिह्नित करते हुए एयर इंडिया समूह ने मंगलवार को किफायती विमानन सेवा कंपनी एआईएक्स कनेक्ट का एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ विलय पूरा कर लिया. विलय के बाद बनने वाली कंपनी के बेड़े में अगले साल मार्च के अंत तक विमानों की संख्या 100 को पार कर जाने की उम्मीद है. यह विलय एक वर्ष से भी कम समय में पूरा हो जाएगा और यह इकाई ‘एयर इंडिया एक्सप्रेस’ नाम और एयरलाइन कोड ‘आईएक्स’ के तहत काम करेगी.
विलय की गई इकाई का बेड़ा चालू वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक 100 विमान से अधिक हो जाने की उम्मीद है जो फिलहाल 88 विमान का है. एयर इंडिया समूह ने बयान में कहा, ” 2022 की शुरुआत में टाटा समूह द्वारा एयर इंडिया का अधिग्रहण करने के बाद से एआईएक्स द्वारा संचालित मार्गों की संख्या 74 से बढ़कर 171 हो गई है और यात्री परिवहन में 400 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है.” विलय की प्रक्रिया में दोनों किफायती विमानन कंपनियों के परिचालन में तालमेल बैठाना, विमानों का स्थानांतरण, परिचालन, सुरक्षा और रखरखाव मंजूरी शामिल थी.
विल्सन ने कहा कि एआईएक्स कनेक्ट का एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ विलय एयर इंडिया के ‘विहान.एआई’ रूपांतरण सफर में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. विलय की गई इकाई भारत और क्षेत्र में हवाई यात्रा की बढ़ती मांग को पूरा करेगी. विल्सन एयर इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) होने के साथ एयर इंडिया एक्सप्रेस के चेयरमैन भी हैं.
एयर इंडिया एक्सप्रेस के प्रबंध निदेशक आलोक सिंह ने कहा, ”हम दोनों एयरलाइन कंपनियों के एकीकरण के जटिल काम में लग गए और इसका समापन आज दोनों संगठनों के संचालन और कानूनी रूप से विलय में हुआ है.” नियामक ने कहा कि वह सभी विनियामक शर्तों का अनुपालन सुनिश्चित करने, उपभोक्ता हितों की रक्षा करने तथा भारत में हवाई परिचालन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विलय के बाद परिचालन पर करीबी नजर रखेगा.
डीजीसीए प्रमुख विक्रम देव दत्त ने कहा, ” हमारी कड़ी समीक्षा यह सुनिश्चित करती है कि यह विलय उपभोक्ताओं के लिए समग्र यात्रा अनुभव को बेहतर बनाने के साथ सुरक्षित हवाई संचालन को बढ़ावा देकर सार्वजनिक हित में काम करे.” उन्होंने कहा, ” इस अनुभव से प्राप्त अंतर्दृष्टि एयर इंडिया और विस्तारा के आगामी विलय के लिए मूल्यवान साबित होगी, जो वर्तमान में प्रक्रियाधीन है.”