ED ने कहा की चीनी व्यक्तियों के नियंत्रण वाले कर्ज ऐप कैशबीन की 252 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त किये जाएंगे

ED ने कहा की चीनी व्यक्तियों के नियंत्रण वाले कर्ज ऐप कैशबीन की 252 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त किये जाएंगे ED ने कहा की चीनी व्यक्तियों के नियंत्रण वाले कर्ज ऐप कैशबीन की 252 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त किये जाएंगे

नयी दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि चीनी व्यक्तियों के ‘नियंत्रण’ वाली नॉर्वे की कंपनी की भारतीय इकाई की 252 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को जब्त करने का आदेश दिया है. यह आदेश कर्ज देने के अवैध तरीके से काम करने वाले मोबाइल ऐप ‘कैशबीन’ के खिलाफ फेमा जांच के तहत दिया गया है.

प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि सात अक्टूबर को पीसी फाइनेंशियल र्सिवसेज प्राइवेट लि. (पीसीएफएस) के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत एक आदेश जारी किया गया था. साथ ही कंपनी पर 2,146 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना भी लगाया गया था. पीसीएफएस नॉर्वे स्थित ओपेरा ग्रुप की सहायक कंपनी है.

ईडी ने बयान में कहा कि कुल मिलाकर पीसीएफएस का ‘नियंत्रण’ चीनी मालिकों के पास है. यह अपने मोबाइल ऐप ‘कैशबीन’ के जरिये भारत में लोगों को पैसा उधार देने के कारोबार में शामिल है. जांच एजेंसी के अनुसार पीसीएफएस ने अपने संबंधित विदेशी समूह की कंपनियों को ‘सॉफ्टवेयर लाइसेंस और सेवाओं के आयात’ की आड़ में 429.30 करोड़ रुपये भेजे, जो फर्जी पाया गया.

भारतीय रिजर्व बैंक ने फरवरी, 2022 में पाया था कि पीसीएफएस कर्ज लेने वालों से ‘गैर-पारदर्शी’ तरीके से अत्याधिक ब्याज दर और अन्य शुल्क वसूल रही थी. साथ ही कर्ज लेने वालों से वसूली को लेकर आरबीआई और सीबीआई के प्रतीक चिन्ह का गलत रूप से उपयोग कर रही थी जो निष्पक्ष व्यवहार संहिता का उल्लंघन है. ईडी ने कहा कि आरबीआई ने कंपनी के पंजीकरण प्रमाणपत्र को रद्द कर दिया और इस पर गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान के रूप में कार्य करने पर रोक लगा दी.

जांच एजेंसी ने सबसे पहले 2021 में 252.36 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया था. बाद में इस आदेश को उचित प्राधिकार ने फेमा के तहत फरवरी, 2022 में मंजूरी दी थी. ईडी के अनुसार, पीसीएफएस ने अपीलीय मंच के समक्ष इस आदेश के खिलाफ अपील दायर की और अंतिम निर्णय लंबित है.

हालांकि, जांच एजेंसी ने कहा कि उसने जून, 2022 में न्याय निर्णय करने वाले प्राधिकरण के समक्ष फेमा नियमों के उल्लंघन को लेकर शिकायत दर्ज की. इसके बाद प्राधिकरण ने कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया और उसका पालन किया गया. ईडी ने कहा, ”हालांकि, उल्लंघन की अवधि के दौरान जिन लोगों को नोटिस दिये गये, उनमें से पीसीएफएस के तत्कालीन क्षेत्रीय प्रमुख झांग होंग ने न तो कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया और न ही व्यक्तिगत सुनवाई के अवसर का लाभ उठाया.

इसमें कहा गया है कि अदालती कार्यवाही हाल ही में पूरी हुई है और इकाइयों के जवाब तथा तथ्यों पर गौर करने के बाद फेमा नियमों के कथित उल्लंघन की बात पायी गयी. ईडी ने कहा, ”ऐसे में सात अक्टूबर, 2024 के आदेश के तहत, भारत में रखी गई और फेमा की धारा 37ए के तहत जब्त की गई पीसीएफएस की 252.36 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया गया है. साथ ही 21,46,48,26,480 रुपये का जुर्माना लगाया गया है.”

Add a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Keep Up to Date with the Most Important News

By pressing the Subscribe button, you confirm that you have read and are agreeing to our Privacy Policy and Terms of Use
Advertisement