नयी दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि यूरोपीय संघ का आयातित वस्तुओं पर कार्बन सीमा समायोजन तंत्र यानी सीबीएएम लगाने का प्रस्ताव एकतरफा एवं मनमाना है जिससे भारत के निर्यात को नुकसान होगा. सीबीएएम एक शुल्क है जो यूरोपीय संघ (ईयू) में आयात की जाने वाली कार्बन सघन वस्तुओं पर लागू होगा. यूरोपीय संघ ने एक जनवरी, 2026 से इस्पात, सीमेंट और उर्वरक सहित सात कार्बन-सघन क्षेत्रों पर कार्बन कर (सीबीएएम) लगाने का फैसला किया है. इंजीनियरिंग सामान भी इस आयात शुल्क के दायरे में आएंगे.
इसके साथ ही सीतारमण ने कहा कि इस बात की संभावना कम है कि सीबीएएम को लेकर भारत का विरोध यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को अंतिम रूप देने में बाधा बनेगा. उन्होंने भरोसा जताया कि भारत 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल कर लेगा.
भारत की हरित पहलों से संबंधित एक सवाल पर सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के लिए एजेंडा तय करने में अग्रणी भूमिका निभाई है और संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन सीओपी-21 में किए गए वादों को भारत ने अपने संसाधनों के जरिये समय से पहले पूरा कर लिया है. उन्होंने कहा कि हरित क्षेत्रों को बढ़ावा देने में बजट कभी भी बाधा नहीं रहा है.