राष्ट्रीय पुरस्कार निलंबित किया- सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कोरियोग्राफर जानी मास्टर का

राष्ट्रीय पुरस्कार निलंबित किया-  सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कोरियोग्राफर जानी मास्टर का राष्ट्रीय पुरस्कार निलंबित किया-  सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कोरियोग्राफर जानी मास्टर का

नयी दिल्ली. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रकोष्ठ ने यौन उत्पीड़न के आरोपों के मद्देनजर कोरियोग्राफर जानी मास्टर को दिए जाने वाले राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार को निलंबित कर दिया है. अधिकारियों ने मंगलवार को नयी दिल्ली में आयोजित होने वाले 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह के लिए कोरियोग्राफर को दिया गया आमंत्रण भी वापस ले लिया. जानी मास्टर का असली नाम शेख जानी बाशा है. उन्हें 2022 की तमिल फिल्म ‘तिरुचित्रम्बलम’ के गीत ‘मेघम करुक्कथा’में किए गए काम के लिए सम्मानित किया जाना था.

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रकोष्ठ ने चार अक्टूबर (शुक्रवार) को जारी नोट में कहा कि राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार वितरण समारोह शामिल होने के लिए आमंत्रण पत्र कोरियोग्राफर को ‘पॉक्सो अधिनियम के तहत आरोप की जानकारी सामने आने” से पहले दिया गया था.
पत्र में कहा गया कि ”आरोप की गंभीरता और मामले के न्यायालय में विचाराधीन होने के मद्देनजर, सक्षम प्राधिकारी ने शेख जानी बाशा को फिल्म तिरुचित्रम्बलम के लिए वर्ष 2022 की सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार देने के फैसले को अगले आदेश तक निलंबित रखने का निर्णय लिया है.”

उप निदेशक इंद्राणी बोस द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया है, ”अत? 8.10.24 को विज्ञान भवन, नयी दिल्ली में आयोजित होने वाले 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह के लिए शेख जानी बाशा को दिया गया आमंत्रण वापस लिया जाता है.” एक अदालत ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत देने की जानी मास्टर की अर्जी स्वीकार कर ली थी.

पिछले महीने जानी मास्टर की सहायक के रूप में काम करने वाली एक महिला ने पुलिस को शिकायत देकर आरोप लगाया था कि कोरियोग्राफर ने 2020 में काम के सिलसिले में मुंबई जाने के दौरान उसका यौन उत्पीड़न किया और किसी को बताने पर परिणाम भुगतने की धमकी दी. नरसिंगी पुलिस ने 15 सितंबर को जानी मास्टर के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (2) (एन), धारा 506 और धारा 323 के तहत मामला दर्ज किया.

पुलिस ने बताया था कि पीड़िता का बयान दर्ज करने के बाद पता चला कि कथित अपराध के समय वह नाबालिग थी, इसलिये पॉक्सो अधिनियम 2012 की प्रासंगिक धारा भी जोड़ दी गई. जानी मास्टर को साइबराबाद पुलिस ने 19 सितंबर को गोवा में गिरफ्तार किया और उसे हैदराबाद लेकर आई. पुलिस ने उसे हैदराबाद की एक अदालत में पेश किया, जिसने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

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