अर्थव्यवस्था की गलत तस्वीर पेश कर डर का माहौल बना रहे हैं राहुल गांधी : भाजपा

अर्थव्यवस्था की गलत तस्वीर पेश कर डर का माहौल बना रहे हैं राहुल गांधी : भाजपा अर्थव्यवस्था की गलत तस्वीर पेश कर डर का माहौल बना रहे हैं राहुल गांधी : भाजपा

नयी दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर में गिरावट पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान की आलोचना की और कहा कि चुनिंदा आंकड़ों और आधे-अधूरे सच के साथ अर्थव्यवस्था की गलत तस्वीर पेश करने की उनकी कोशिश न केवल गुमराह करने वाली है, बल्कि यह बचकानी है.

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने रविवार को भारत की जीडीपी वृद्धि दर के दो साल में सबसे निचले स्तर पर आ जाने पर चिंता जताई थी और कहा था कि देश की अर्थव्यवस्था तब तक प्रगति नहीं कर सकती जब तक कि मुट्ठी भर अरबपति इसका लाभ उठाते रहेंगे. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था के लिए नई सोच की आवश्यकता है और व्यवसायों के लिए एक नया सौदा इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए.

इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने ‘एक्स’ पर लिखा, ”चुनिंदा आंकड़ों और आधे अधूरे सत्य के साथ आर्थिक विनाश की तस्वीर पेश करने का आपका प्रयास न केवल भ्रामक है, बल्कि इसमें ‘बालक बुद्धि’ की बू आती है और इसमें जटिल वास्तविकताओं के ‘बचकाने’ अतिसरलीकरण की बू आती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता द्वारा 5.4 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि दर का रोना रोना ‘हास्यास्पद’ है जब यह विश्व स्तर पर सबसे अधिक वृद्धि दर में से एक है.

उन्होंने कहा, ”इसकी तुलना चीन (4.6 प्रतिशत), संयुक्त राज्य अमेरिका (2.8 प्रतिशत) और यूरो क्षेत्र (0.9 प्रतिशत) से करें. भू-राजनीतिक संघर्ष और आपूर्ति श्रृंखला में बाधाओं से प्रभावित चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल में भी भारत की अर्थव्यवस्था लचीली है, जबकि अन्य लड़खड़ा रही हैं.” उन्होंने कहा, ”क्या आपके लिए यह समझना बहुत कठिन है कि यह एक स्थानीय मुद्दा नहीं है, बल्कि एक वैश्विक आर्थिक घटना है? हर किसी ने आपका ट्रैक रिकॉर्ड देखा है, जब भारत को ‘कमजोर पांच’ (अर्थव्यवस्थाओं) में गिना जाता था, मुद्रास्फीति दोहरे अंकों में थी.” भाजपा नेता ने कहा कि अक्टूबर 2024 में खुदरा मुद्रास्फीति में थोड़ी वृद्धि हुई, मुख्य रूप से सब्जियों की आपूर्ति में मौसम से उत्पन्न व्यवधानों के कारण.

उन्होंने कहा, ”लेकिन हमें नहीं भूलना चाहिए कि 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से औसत मुद्रास्फीति की दर 5 प्रतिशत रही है और कभी भी दहाई अंक को नहीं छू सका.” उन्होंने कहा, ”यह संप्रग युग (2004-14) के दौरान 8.1 प्रतिशत वार्षिक औसत से काफी कम है और 2010-14 के बीच अक्सर दोहरे अंकों में था.” मालवीय ने राहुल से पूछा कि अगर वह वास्तव में बढ.ती कीमतों की परवाह करते हैं तो शायद आप यह बताना चाहेंगे कि उन वर्षों के दौरान मुद्रास्फीति दोहरे अंकों में क्यों थी.

भाजपा नेता ने कहा कि गांधी अनुमानित बेरोजगारी संकट का राग अलापते हैं, लेकिन भारत ने पिछले कुछ वर्षों में 4.7 करोड़ नौकरियां जोड़ी हैं और श्रमिक-जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) वित्त वर्ष 2023 में 56 प्रतिशत से वित्त वर्ष 2024 में बढ.कर 58.2 प्रतिशत हो गया है, जो ग्रामीण और शहरी दोनों भारत में बढ.ते अवसरों को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि 2013-14 में यही डब्ल्यूपीआर 49.9 प्रतिशत था.

भाजपा नेता ने कहा कि भारतीय रुपया वैश्विक स्तर पर सबसे कम उतार-चढ.ाव वाली मुद्राओं में से एक बना हुआ है और भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 684.8 अरब डॉलर पर है, जिसमें 11.8 महीने का आयात शामिल है, जिसे आपकी डर से फैलाने वाली कथा आसानी से नजरअंदाज कर देती है. उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था सिर्फ वृद्धि नहीं कर रही है, यह ऊपर उठ रही है. उन्होंने कहा कि आईएमएफ का अनुमान है कि भारत 2025 में जापान को पीछे छोड़ते हुए 4,340 अरब डॉलर के जीडीपी के साथ वैश्विक स्तर पर चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.

उन्होंने कहा, ”लेकिन निश्चित रूप से, आप इसका उल्लेख क्यों करेंगे जब भय-प्रचार आपके एजेंडे को बेहतर ढंग से पूरा करता है?” उन्होंने कहा, ”आपका लगातार भय फैलाना न केवल निराधार है, बल्कि प्रगति को स्वीकार करने में असमर्थता को दर्शाता है. आपको हर अवसर पर अपनी अज्ञानता का दिखावा करने की जरूरत नहीं है. यदि आप इकोनॉमिस्ट की भूमिका निभाने के लिए इतने उत्सुक हैं तो कम से कम पुरानी बातों को रीसाइक्लिंग करने के बजाय बुनियादी होमवर्क करें.”

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